Raza Academy के अपील पर भिवंडी शहर में ऐतिहासिक ब्लैकआउट प्रदर्शन



30 अप्रैल 2025 को वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में भिवंडी सहित देशभर में ऐतिहासिक ब्लैकआउट प्रदर्शन: मुस्लिम समुदाय की अद्वितीय एकता, सरकार से अधिनियम की तत्काल वापसी की मांग


भिवंडी (विशेष संवाददाता): 30 अप्रैल 2025 को रात 9:00 से 9:15 बजे तक, ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलेमा, रज़ा अकैडमी भिवंडी, सुन्नी जमीयतुल उलेमा भिवंडी

, नौजवानाने अहले सुन्नत और अन्य धार्मिक, सामाजिक एवं मिल्ली संगठनों की अपील पर भिवंडी और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक भव्य और शांतिपूर्ण "लाइट ऑफ" प्रदर्शन आयोजित किया गया।  यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ संशोधन अधिनियम के प्रति गहरी असहमति और नाराज़गी के प्रतीक स्वरूप किया गया। 


अद्वितीय एकता का प्रदर्शन


इस प्रदर्शन में भिवंडी के सभी छोटे-बड़े क्षेत्रों ने सक्रिय भागीदारी की, जिनमें कोटेरगेट, कुरैश नगर, जैतूनपुरा, काप तालाब, निज़ामपुरा, इस्लामपुरा, पांच पीर, तीन बत्ती मार्केट, मंगल बाजार स्लैब, दीवान शाह, दरगाह रोड, रोशन बाग, ग़ैबी नगर, शांति नगर, अंसार नगर, टंडील मोहल्ला, खाड़ी पार, खजूरपुरा, नई बस्ती, केजीएन चौक, ज़ी बेकरी, चाटोर गली, बंगालपुरा, कनैरी, समद नगर, बग़ीचा, एकता होटल, मुर्गी मोहल्ला, बर्दी मोहल्ला, खिजरा रोड, आम पाड़ा, अजमेर नगर, गुलजार नगर और नायगांव प्रमुख हैं। भिवंडी के हर मोहल्ले, गली, चौक और बस्ती ने इस प्रदर्शन में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसने सामूहिक जागरूकता और एकजुटता की मिसाल पेश की।


प्रत्येक मोहल्ले, गली, चौराहे, और बस्ती में इस प्रदर्शन में उत्साहपूर्वक भाग लिया गया, जिससे सामूहिक जागरूकता और एकजुटता की मिसाल प्रस्तुत हुई। 


हर दुकान, घर, इमारत, विवाह समारोह स्थल, मस्जिद, दरगाह और व्यावसायिक केंद्र में पूर्ण रूप से बिजली बंद रखी गई, जिससे सरकार तक एक शांतिपूर्ण लेकिन प्रभावशाली संदेश पहुंचाया गया।  वीडियो और तस्वीरों के माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि प्रत्येक क्षेत्र ने इस प्रदर्शन में गंभीरता से भागीदारी की। 


देशव्यापी प्रतिक्रिया


यह आंदोलन केवल भिवंडी तक सीमित नहीं रहा।  ठाणे, मुंब्रा, मालेगांव, मुंबई और देश के अन्य हिस्सों से भी वीडियो रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि वहाँ भी इसी प्रकार का शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया।  देशभर के मुसलमानों ने एकता, जागरूकता और धार्मिक चेतना का प्रमाण प्रस्तुत किया। 


वक्फ संशोधन अधिनियम क्या है?


हाल ही में केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 में कुछ ऐसे संशोधन किए हैं जिनसे: 


वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण की संभावनाएं बढ़ सकती हैं, 


वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है, 


मुस्लिम धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को क्षति पहुंच सकती है, 


और भविष्य में वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग सकता है। 



यह अधिनियम न केवल मुस्लिम समाज की धार्मिक पहचान पर हमला है, बल्कि यह भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को भी आघात पहुँचाता है।  देश के कई विद्वानों, वकीलों, ट्रस्टियों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने इस संशोधन की कड़ी आलोचना की है। 


प्रदर्शन का उद्देश्य और माँगें


यह प्रदर्शन केवल प्रतीकात्मक ब्लैकआउट नहीं था, बल्कि यह एक मजबूत सामूहिक आवाज़ थी जो सरकार से निम्नलिखित माँगें करती है: 


1. वक्फ संशोधन अधिनियम को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए। 



2. वक्फ संपत्तियों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की जाए। 



3. वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को पूरी तरह बरकरार रखा जाए। 



4. मुस्लिम धार्मिक, शैक्षणिक और सामाजिक संस्थाओं में सरकारी हस्तक्षेप पूरी तरह बंद किया जाए। 




समुदाय का स्पष्ट संदेश


इस प्रदर्शन के माध्यम से भारत के मुसलमानों ने स्पष्ट कर दिया है कि वक्फ प्रणाली में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  यह विरोध आंदोलन एकता, समझदारी और नेतृत्व की जीवंत मिसाल है।  यदि सरकार ने इस आवाज़ को अनसुना किया, तो आने वाले दिनों में देशभर में और भी बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। 


यदि आप चाहें, तो मैं इस समाचार का संक्षिप्त संस्करण बैनर या प्रेस विज्ञप्ति के लिए भी तैयार कर सकता हूँ।

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