शमा-ए-रिसालत के दीवानों की ऐतिहासिक संख्या में जुलूस-ए-मोहम्मदी में शिरकत



भिवंडी । जुलूस का नेतृत्व हज़रत सैयद जमील अहमद जानी मियां, हज़रत मौलाना शाह मोहम्मद मनान रज़ा खान, और हज़रत मौलाना मकसूद अली खान ने किया। इनके साथ भिवंडी के स्थानीय ज़िम्मेदारान और राजनीतिक नेता भी शामिल हुए।


बुधवार, 18 सितंबर को रज़ा एकेडमी भिवंडी शाखा के अध्यक्ष क़ुरैशी ओवैस रज़ा और उनकी टीम के सदस्य—मुहम्मद अक़रम मुहम्मद इब्राहीम मोमिन, वक़ास अहमद सगीर अहमद मलिक, मुहम्मद अज़ीम अब्दुल हमीद क़ुरैशी, एडवोकेट मनाल सगीर अंसारी, वक़ार अहमद मुहम्मद इस्माईल मोमिन, और सद्दाम इम्तियाज़ क़ुरैशी—के नेतृत्व में एक भव्य जुलूस का आयोजन किया गया। यह जुलूस कोटर गेट मस्जिद से मामू-भांजा ग्राउंड तक सख्त पुलिस सुरक्षा में निकाला गया। जुलूस का नेतृत्व हज़रत सैयद जमील अहमद जानी मियां, हज़रत सैयद अहमद शेर सवार की दरगाह के सज्जादानशीन, हज़रत मौलाना शाह मोहम्मद मनान रज़ा खान (इमाम अहमद रज़ा के नवासे) और हज़रत मौलाना मकसूद अली खान (मुंबई) ने किया।


आयोजकों ने नेता गणों का स्वागत फूलों की माला से किया। यह जुलूस हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की पैदाइश की खुशी में निकाला गया, और दोपहर 3:00 बजे धूमधाम और गगनभेदी नारों के साथ शुरू हुआ। हजारों की संख्या में शमा-ए-रिसालत के दीवाने इसमें शरीक हुए। उन्होंने दुआएं और कुरान की आयतें पढ़ते हुए नाज़िमपुरा से चांद तारा मस्जिद होते हुए बहार मदीना मस्जिद तक का सफर तय किया। जुलूस की शुरुआत से लेकर अंत तक भिवंडी में कई जगहों पर जलसे का आयोजन हुआ। जुलूस के पहले, एक जलसे में हज़रत मौलाना मकसूद अली खान ने तहरीर की और हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की नामूस की हिफाज़त का पैग़ाम दिया। उन्होंने सैयद मुईन मियां साहब और रज़ा एकेडमी के संस्थापक अल-हाज सईद नूरी साहब की तारीफ़ की और उनके अमन के पैग़ाम को सराहा।


जुलूस के दौरान विभिन्न संगठनों और समितियों ने पानी और शरबत का इंतज़ाम किया था। इस जुलूस ने राष्ट्रीय एकता की मिसाल पेश की, जिसमें धार्मिक और गैर-धार्मिक लोग भी शामिल थे। जुलूस पूरी अदब और अनुशासन के साथ अपने मुकाम पर पहुंचा। 20वें जुलूस में उलेमाओं और शमा-ए-रिसालत के दीवानों के साथ पुलिस ने इस्लामी उसूलों का पालन करते हुए विशेष सेवाएं दीं।


जुलूस मामू-भांजा ग्राउंड पर पहुंचा, जहां मगरिब की नमाज़ जमाअत के साथ अदा की गई। कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। नमाज़ के बाद उलेमाओं ने खिताब किए और जुलूस के नेताओं ने दुआ की। जुलूस अपने तय समय से पहले समाप्त हो गया।


यह ध्यान देने योग्य है कि आयोजकों ने जुलूस के लिए पहले से हिदायतें जारी की थीं कि 10 फीट से बड़े झंडे न लाए जाएं, वुज़ू की हालत में रहें, और अमन और मोहब्बत का पैग़ाम दें। जुलूस-ए-मोहम्मदी में राजनीतिक नेता भी प्रमुखता से शामिल हुए। जुलूस के बाद किसी भी प्रकार की नारेबाजी पर सख्त पाबंदी थी।


रज़ा एकेडमी भिवंडी शाखा के अध्यक्ष क़ुरैशी ओवैस रज़ा और उनकी टीम ने पुलिस कमिश्नर महोदय, जॉइंट कमिश्नर महोदय, भिवंडी डीसीपी महोदय, बीएमसी कमिश्नर महोदय, उनकी टीम, सभी उलेमाओं, राजनीतिक नेताओं, समितियों के सदस्य और शमा-ए-रिसालत के दीवानों का धन्यवाद किया, जिन्होंने जुलूस को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से मुकम्मल किया।


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